रावण

ना धुंआ कि पूरे अमरीका को,इसलिए लादेन हमारा बडा प्यारा था।

यदि प्रतिशोध बहन का था तो जहा मिलता लक्ष्मण वही क्यो नही ललकारा था।।

स्त्री के बदले स्त्री लेने वाला रावण निर्लज्ज वीर तुम्हारा था।

वीरगति को ना प्राप्त हुआ वो,अहंकार मे अपने वो हारा था।।


तप-यज्ञ से सिद्धि जो बटोरी, सद-उपयोग उसका करा कहा था। 

मायावती से जब सबंध अवैध किए तब रावण का ज्ञान कहा था। 

साध्वी वेदवती को प्राण त्यागने को विवश किया तब रावण का सयंम कहा था।।

पुत्रवधू रंभा को जब तार-तार किया था तब consent कहा था।

सीता को नही छुआ क्योकि कुबेर पुत्र नलकुबेर का श्राप उसको स्मरण था।।  


देख पराक्रम बाली का,युद्धवीर रावण संधि कर प्राण बचाया था।

दूत हनुमान के प्राण हरने को आतुर,पराक्रमी रावण एक वानर को सताया था।।

अहंकार मे चुर रावण कैलाश पर्वत लंका ले जाने आया था।

हाथ दबा जो नीचे पर्वत के प्राण बचाने के लिए शिव स्त्रोतम् गाया था।। 


हे राम विरोधी रावण भक्त क्या अब भी कोई कुर्तक शेष है।

लज्जाजनक है ये कुकृत्य तुम्हारा जिसका उद्दीपक मात्र द्वेष है।। 


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